भारतीय राजनीति के महान चेहरों में से एक, अटल बिहारी वाजपेयी, ने अपने विशिष्ट दृष्टिकोण और प्रेरणास्त्रोत से देश को प्रेरित किया। उनके जीवन का यह लेख उनके योगदान की महत्वपूर्ण घटनाओं को समझने में मदद करेगा।

बचपन और शिक्षा

20 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर, मध्यप्रदेश में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म परिवार के एक सामान्य परिवार में हुआ था। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपोयी स्कूल में अध्यापक थे, उनकी शुरुआती शिक्षा ग्वालियर के सरस्वती शिशु मंदिर में फिर हुई थी| उन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (रानी लक्ष्मीबाई कॉलेज) से हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी में बीए, और कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए की डिग्री हासिल की. उनकी मातृभाषा हिन्दी थी|

इसके बाद, उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से डी.एलि.टी. प्राप्त की, जिससे उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में अपनी योग्दान की शुरुआत की। वे अपने जीवन में महात्मा गांधी की उपासना करते हुए बड़े हुए और उनके विचारों को अपनाया।

16 अगस्त 2018 में 93 साल की उम्र में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी का एम्स में लंबी बिमारी से जूझते हुए देहांत हो गया था|

राजनीतिक उद्यम

1939 अपने छात्र जीवन में ही वे स्वयंसेवक की भूमिका में आ गए थे. उन्होंने हिंदी न्यूज़ पेपर में संपादक का काम भी किया था | वाजपेयी जी का राजनीतिक सफर 1951 में प्रारंभ हुआ जब उन्होंने भारतीय जनसंघ के सदस्य बनकर राजनीतिक कार्य में योगदान देना शुरु किया। उन्होंने जनसंघ में अपने दमदार और विचारशील नेतृत्व के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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उपाधियों की प्राप्ति

वाजपेयी जी का राजनीतिक योगदान सिर्फ उनके पार्टी के नेतृत्व में ही सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में भी देश की सेवा की। वे 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बने, लेकिन उनकी सरकार स्थायित नहीं रह सकी। फिर 1998 में उन्होंने दुबारा से प्रधानमंत्री का पद संभाला और 2004 तक उन्होंने यह पद संभाला रहा।

शान्तिपूर्ण और विकासप्रिय नेतृत्व

अटल बिहारी वाजपेयी को उनके शान्तिपूर्ण और विकासप्रिय नेतृत्व के लिए पहचाना जाता है। उन्होंने देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। वह आधुनिक विकास के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और धरोहर को भी महत्व देते थे।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम

वाजपेयी जी के द्वारा आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में निवेश बढ़ाने का प्रयास किया और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नेतृत्व किया।

कठिन परिस्थितियों में भारत

वाजपेयी जी के नेतृत्व में भारत ने कई कठिन परिस्थितियों का सामना किया। उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटीं जैसे कि कर्जमाफी की पहल, परमाणु परीक्षणों का प्रयोग और कर्जमुक्ति की पहल।1998 में राजस्थान के पोखराण में पहला न्यूक्लियर टेस्ट- ऑपरेशन शक्ति, अटल बिहारी के नेतृत्व में ही की गई थी.

विचारशीलता और कला के प्रति आकर्षण

अटल बिहारी वाजपेयी के विचारशीलता और सर्वोत्तम साहित्यिक क्षमता के पीछे एक अद्वितीय मानव हमेशा छिपे रहे हैं। उन्होंने कई रचनाएँ और कविताएँ लिखी, जिनमें उन्होंने अपने दृढ विचारों को प्रकट किया।

संत और साहित्य

वाजपेयी जी का संतों के प्रति गहरा सम्मान और आदर था। उन्होंने अपने जीवन में संत कबीर और संत तुलसीदास की रचनाओं का अध्ययन किया और उनके विचारों को अपनाया।

महान प्राणी मित्र

वाजपेयी जी को प्राकृतिक सौंदर्य और जीवन के हर पहलू के प्रति आकर्षण था। उन्होंने हमेशा प्राणियों के साथ सहयोग किया और उनके रक्षण में अपना योगदान दिया।

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निष्ठावान और सच्चे नेता

अटल बिहारी वाजपेयी को एक निष्ठावान और सच्चे नेता के रूप में पहचाना जाता है। उन्होंने हमेशा अपने देश की भलाई के लिए काम किया और उनकी सेवाओं ने उन्हें देशवासियों के दिलों में बसा दिया।

विचारों की प्रेरणा

अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन और कार्यक्षेत्र दुनिया के लोगों को विचारों की प्रेरणा देता है। उनकी महानता, उनके कठिनाईयों का सामना करने के तरीकों में और उनकी सद्गति के बाद भी हमारे दिलों में जिंदा रहेगी।

अटल बिहारी वाजपेयी के विचार (Atal Bihari Vajpayee Quotes)

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अटल बिहारी वाजपेयी: एक अद्वितीय राजनेता का जीवन और योगदान 3
  • मैं यहाँ वादे लेकर नहीं, इरादे लेकर आया हूँ।
  • आप मित्र बदल सकते हैं, पर पड़ोसी नहीं।
  • मै मरने से नही डरता हूँ, बल्कि बदनामी होने से डरता हूँ।
  • मन हारकर मैदान नहीं जीते जाते, न मैदान जीतने से मन ही जीते जाते हैं।
  • हमने भूख को समाप्त कर दिया, लेकिन अब हमें अकाल को समाप्त करना होगा।
  • साहित्य और राजनीति के कोई अलग-अलग खाने नहीं होते।
  • निरक्षरता और निर्धनता का बड़ा गहरा संबंध है।
  • यदि भारत धर्मनिरपेक्ष नहीं है तो भारत बिल्कुल भारत नहीं है।
  • जैव विविधता सम्मेलन से दुनिया के गरीबों के लिए कोई भी ठोस लाभ नहीं निकला है।
  • जीवन एक फूल के समान है, इसे पूरी ताक़त के साथ खिलाओ।
  • छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।
  • अगर किसी देश में हलचल नजर आए तो समझिये कि वहां का राजा ईमानदार है।
  • जलना होगा, गलना होगा और हमें कदम मिलाकर एक साथ चलना होगा।
  • मुझे अपने हिन्दूत्व पर अभिमान है, किंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि मैं मुस्लिम विरोधी हूं।
  • ऊँची से ऊँची शिक्षा क्यों न हो, इसका आधार हमारी मातृभाषा होनी चाहिए।
  • वास्तव में हमारे देश की लाठी कमजोर नहीं है। बल्कि वह जिन हाथों में है, वे कांप रहे हैं।

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