दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम को मंजूरी दी है। इस स्कीम का उद्देश्य दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करना है।
इस स्कीम के तहत, एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर्स और ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने कमर्शियल वाहन फ़्लीट को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना होगा।
इस स्कीम के तहत सबसे पहले पेट्रोल/डीज़ल वाहनों को ई20 (20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल) या ई5 (5% इथेनॉल मिश्रित डीज़ल) वाहनों में बदलना होगा। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा।
इस स्कीम का लक्ष्य वर्ष 2030 तक दिल्ली में लगभग 1 करोड़ कमर्शियल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना है। इससे दिल्ली में वाहनों से होने वाले प्रदूषण में काफी कमी आएगी और दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
इस स्कीम का लाभ यह है कि इससे दिल्ली में वायु प्रदूषण कम होगा जो दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा। इलेक्ट्रिक वाहन पर्यावरण के अनुकूल होते हैं और शोर प्रदूषण भी कम करते हैं। इस स्कीम से दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढ़ेगा जिससे ऊर्जा क्षेत्र में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
हालांकि, इस स्कीम को सफल बनाने के लिए कुछ चुनौतियाँ भी हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत अभी भी अधिक है, इसलिए कमर्शियल वाहन मालिकों को इन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने की ज़रूरत है। चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार भी ज़रूरी है। सरकार को इन चुनौतियों का समाधान निकालना होगा।
इस स्कीम को लागू करने वाली दिल्ली देश का पहला राज्य बन गया है। अन्य राज्य भी दिल्ली का अनुसरण कर सकते हैं और अपने शहरों में वायु प्रदूषण कम करने के लिए ऐसी ही स्कीम लागू कर सकते हैं।
सारांश में, दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम एक सराहनीय पहल है जो दिल्ली के वायु प्रदूषण से निपटन में मदद करेगी। हालांकि इसे सफल बनाने के लिए सरकार को इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन देने और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने जैसी चुनौतियों का सामना करना होगा।
अगर इन चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान किया जाता है, तो यह स्कीम दिल्ली और देश के अन्य शहरों के लिए एक अच्छा उदाहरण साबित हो सकती है। इससे न केवल वायु प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में भी बदलाव आएगा। आने वाले समय में देखना दिलचस्प होगा कि इस स्कीम को कितनी सफलता मिलती है और यह दिल्ली और देश के लिए कितना लाभदायक साबित होती है।