हरियाणा का इतिहास गौरवशाली है तथा यह वैदिक काल से आरम्भ होता है । हरियाणा ब्रिटिश प्रान्त में पंजाब का एक हिस्सा था।
हिसार में बनावली और राखीगवी हरियाणा की प्राचीन परम्परा के प्रतीक हैं। लगभग 5000 वर्ष पूर्व भगवान कृष्ण ने यहीं पर अर्जुन को गीता के उपदेश दिए थे ।
पानीपत की ऐतिहासिक लड़ाइयाँ भी यहीं पर हुई। वर्ष 1857 का के विद्रोह को कुचलने के पश्चात ब्रिटिश प्रशासन द्वारा झज्जर और बहादुरगढ़ के नवाबों, बल्लभगढ़ के राजा तथा रेवाड़ी के राव तुलाराम की सत्ता छीन ली गई ।
उनके क्षेत्र या तो ब्रिटिश क्षेत्रों में मिला लिए गए या पटियाला, नाभा तथा जींद के शासकों को दे दिए गए। इस तरह हरियाणा पंजाब प्रान्त का हिस्सा बन गया । 1 नवम्बर, 1966 को पंजाब के पुनर्गठन के बाद हरियाणा पूर्ण राज्य बन गया।
विभिन्न महत्वपूर्ण तथ्य
हरियाणा के पूर्व में उत्तर प्रदेश, पश्चिम में पंजाब, उत्तर में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में राजस्थान है |
नदियाँ -यमुना (पूर्वी सीमा से होकर बहती है), घग्घर (उत्तरी सीमा पर), मारकण्डा (अम्बाला तथा करनाल जिलों में)
उद्योग -हरियाणा औद्योगिक रूप से बड़ा ही समृद्ध राज्य है। हरियाणा कार, ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल, साइकिल, रेफ्रिजरेटर, वैज्ञानिक उपकरण आदि अनेक प्रकार के उत्पादों का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।
विश्व में बासमती चावल का सबसे बड़ा निर्यातकर्ता है। पिजोर मे हिन्दुस्तान मशीन टूल्स का एक कारखाना है तथा गुड़गाँव में मारुति का कारखाना है।
पर्यटन स्थल -हरियाणा में 44 से ज्यादा पर्यटन स्थल हैं – ब्लू जे (समालखा ), मैगपाई (फरीदाबाद), स्काइलार्क (पानीपत), किंगफिशर (अम्बाला), चक्रवर्ती झील व ओयसिस (उचाना ), पराकीर (पीपली), दवचिक (होडल), जंगल बबलर (धारुहेड़ा), रेड बिशप (पंचकुला जू बर्ड) हिसार, शमा (गुड़गाँव), गोरैया (बहादुरगढ़), पिजोर गार्डन (पिंजौर), दिल्लीं के पास सूरजकुण्ड और बड़कल झील, सुल्लानपुर पक्षी विहार (गुड़गाँव), दमदमा (गुड़गाँव), चीड़ के वन के लिए मोरनी पहाड़ियाँ भी अति आकर्षक स्थल हैं ।
लोकनृत्य -रासलीला (भगवान कृष्ण के लिए), फाग नृत्य (फागुन के महीने में), दफ नृत्य (बसन्त ऋतु मे) लूर (होली पर लड़कियों द्वारा ), गुगा नृत्य (जाहर पीर के लिए ), घूमर नृत्य (देवी-देवताओ के लिए ), खोरिया नृत्य (केवल महिलाओं द्वारा)
मेले /उत्सव -गोपाल-मोचन उत्सव (अम्बाला में), मेला देवी (रोहतक), गूगा नौमी (सर्व पूजा), बसदोद मेला (रेवाड़ी तहसील)
कृषि -धान, गेहूँ ज्वार, बाजरा, मक्का, जौ, गन्ना, कपास, दलहन इत्यादि यहाँ की मुख्य फसलें हैं । गन्ना, कपास, तिलहन व सब्जियों तथा फलों का उत्पादन भी तेजी से हो रहा है । मृदा उर्वरता को बढ़ाने के लिए ढेंचा व मूंग के उत्पादन को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है । वर्ष 2012- 13 में कुल 16225 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन हुआ।
Sir Haryana me ab 22 (new Charkhi dadri) district ho gye he
sir,total district in haryana now-22(charkhi dadri,new added,2016)