कृषि क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास (R & D in agriculture sector) हरित क्रांति (Green revolution) अमेरिकी वैज्ञानिक डॉक्टर विलियम गैड में अधिक उपज देने वाली किस्मों के संदर्भ में सर्वप्रथम 1968 में हरित क्रांति शब्द का प्रयोग किया था…
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प्रोसीजर फार्मिंग (सूक्ष्म कृषि) जल फार्मिंग एक संबंधित कृषि प्रबंधन प्रणाली है इसके अंतर्गत उन महत्वपूर्ण कारकों को पहचाना जाता है जिसमें नियंत्रण योग्य कारकों के फलस्वरुप उत्पादन तथा उत्पादकता में कमी आती है तथा उन्हें दूर करने की प्रबंधकीय…
कृषि मूल्य नीति (Agricultural value policy)
कृषि मूल्य नीति (Agricultural value policy) भारत में सर्वप्रथम 1955 में कृषि लागत आयोग का गठन किया गया था| इसके अध्यक्ष प्रोफेसर दंतेवाड़ा को बनाया गया था | इस आयोग की स्थापना का मुख्य उद्देश्य किसानों को अधिक उत्पादन के…
राष्ट्रीय कृषि नीति 2007 (National Agricultural Policy 2007)
राष्ट्रीय कृषि नीति 2007 (National Agricultural Policy 2007) राष्ट्रीय कृषि आयोग की सिफारिशों एवं राज्यों के परामर्श पर सरकार द्वारा 6 अगस्त, 2007 को राष्ट्रीय कृषक नीति, 2007 को मंजूरी दे दी। राष्ट्रीय कृषक नीति में अन्य बातों के साथ-साथ…
भारतीय कृषि एवं उसकी प्रकृति (Indian agriculture and its nature)
भारतीय कृषि एवं उसकी प्रकृति (Indian agriculture and its nature) वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या बढ़कर एक अरब 21 करोड़ से अधिक हो गई है इस बढ़ती हुई जनसंख्या की खाद्यान्न आवश्यकता की पूर्ति के संदर्भ…
उत्पादन से संबन्धित विविध क्रांतियां (Various Revolution related to Production) 1 काली क्रांति (Black Revolution) पेट्रोलियम उत्पादन 2 नीली क्रांति (Blue Revolution) मछली उत्पादन 3 भूरी क्रान्ति (Brown Revolution) कोको उत्पादन 4 स्वर्ण फाइबर क्रांति (Golden Fibre Revolution) …
विभिन्न प्रकार की खेतियां के नाम (Various types of cultivation names) 1 एरोपोनिक (Aeroponic) पौधों को हवा में उगाना 2 हॉर्टिकल्चर (Horticulture) बागवानी 3 ओलेरीकल्चर (Olericulture) सब्जी विज्ञान 4 विटीकल्चर (Viticulture) अंगूर की खेती 5 पिसीकल्चर (Pisciculture) मत्स्यपालन 6 मोरीकल्चर…
जैव उर्वरक (बायोफर्टिलाइजर) क्या होते हैं ?
भूमि की उर्वरता को टिकाऊ बनाए रखते हुए सतत फसल उत्पादन के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने प्रकृतिप्रदत्त जीवाणुओं को पहचानकर उनसे बिभिन्न प्रकार के पर्यावरण हितैषी उर्वरक तैयार किये हैं जिन्हे हम जैव उर्वरक (बायोफर्टिलाइजर) या ‘जीवाणु खाद’ कहते है।…
प्रदूषक एक ऐसा पदार्थ है जो विशेषकर पानी या वायुमंडल को प्रदूषित करता है. यह ज्वालामुखी विस्फोट, कोयला और गैसोलीन को जलाने तथा अन्य मानवीय गतिविधियों के माध्यम से वातावरण में प्रवेश करता है। यहां, हम सामान्य जागरूकता के लिए…
वर्तमान में भारत के GDP में कृषि क्षेत्र का 17.1% योगदान है, जबकि 1950-51 में कृषि क्षेत्र का योगदान 55.40 % था भारत में कृषि क्षेत्र का 60% भाग पूर्णत: वर्षा पर निर्भर है भारत में कृषि क्षेत्र के GDP…
भौतिक कारक जलवायु– जलवायु कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पौधों को उनके विकास के लिए पर्याप्त गर्म तथा नम जलवायु की आवश्यकता होती है। पौधे के अानुवंशिक गुण भी जलवायु से प्रभावित होकर प्रदर्शित होते हैं | तापमान –…
पारिस्थितिकी (इकोलॉजी) तथा मानव से सम्बन्ध
पारिस्थितिकी (इकोलॉजी) पारिस्थितिकी (इकोलॉजी) जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसके अन्तर्गत जीवों और उसके बाह्य वातावरण के पारस्परिक संबंधों का अध्ययन किया जाता है।, प्रत्येक जन्तु या वनस्पति एक निश्चित वातावरण में रहता है। इकोलॉजी को तीन शाखाओं में बाँटा…
क्या होती हैं नकदी फसलें ??
नकदी फसलों के अंतर्गत उन व्यापारिक फसलों को सम्मिलित करते हैं , जिन्हें आमदनी के लिए सीधे या अर्ध प्रसंस्कृत रूप से किसानों द्वारा बेचा जाता है| इनमें गन्ना, तम्बाकू, रेशेदार फसलें कपास, जूट, मेस्ट एवं तिलहन फसलें जैसे सरसों,…
शुष्क-भूमि कृषि (Dryland farming) सिंचाई किये बिना ही कृषि करने की तकनीक है। यह उन क्षेत्रों के लिये उपयोगी है जहाँ बहुत कम वर्षा होती है। इसके अंतर्गत उपलब्ध सीमित नमी को संचित करके बिना सिंचाई के ही फसलें उगायी…
उर्वरक (Fertilizers) कृषि में उपज बढ़ाने के लिए प्रयुक्त रसायन हैं जो पेड-पौधों की वृद्धि में सहायता के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। पानी में शीघ्र घुलने वाले ये रसायन मिट्टी में या पत्तियों पर छिड़काव करके प्रयुक्त किये…
क्या है संधारणीय कृषि अथवा टिकाऊ कृषि ?
संधारणीय कृषि अथवा टिकाऊ कृषि बदलते पर्यावरण अर्थातृ धरती के तापक्रम में वृध्दि, समुद्र के स्तर में बढ़ोतरी एवं ओजोन की परत में क्षति आदि नई उत्पन्न विषमताओं में कृषि को संधारणीयता देने के साथ-साथ बढ़ती आबादी को अन्न खिलाने…