1 अति सूक्ष्म परिमाण अणिमा 2 अधः (नीचे) लिखा हुआ अधोलिखित 3 अध्ययन किया हुआ अधीत 4 अनुभव प्राप्त अनुभवी 5 अनुमान किया हुआ अनुमानित 6 अनुवाद करनेवाला अनुवादक 7 अनुवाद किया हुआ अनूदित 8 अनेक राष्ट्रों में आपस में…
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605 पर्यायवाची शब्द
ऐसे शब्द जिनके अर्थ समान हों, पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं। 1 नया ‘नवीन, नव्य, नूतन, आधुनिक, अभिनव, अर्वाचीन, नव, ताज़ा। 2 कर्ण अंगराज, सूर्यसुत, अर्कनन्दन, राधेय, सूतपुत्र, रविसुत, आदित्यनन्दन। 3 खतरा अंदेशा, भय, डर, आशंका। 4 तम अंधकार, ध्वान्त, तिमिर,…
छन्द | हिन्दी व्याकरण
छन्द छन्द शब्द संस्कृत के छिति धातु से बना है।,छिदि का अर्थ है-आच्छादित करना ! सर्वप्रथम छन्द की चर्चा ऋग्वेद में आई है। छन्द शास्त्र का प्रथम प्रणेता आचार्य पिंगल को माना जाता है। इनकी रचना छन्द सूत्रम् है। अत:…
हिन्दी व्याकरण | काल
काल क्रिया का वह रूप जिससे क्रिया के होने का समय तथा उसकी पूर्णता एवं अपूर्णता का बोध होता है, काल कहते हैं। राधा गीत गाती है। राधा गीत गाती थी। राधा गीत गाएगी। इन वाक्यों में ‘है’ से वर्तमान…
हिन्दी शब्द भण्डार | प्रकार
शब्द भण्डार शब्द- ऐसा स्वतंत्र वर्ण-समूह जिसका एक निश्चित अर्थ हो, शब्द कहलाता है। जैसे-सुन्दर कमल, मनुष्य आदि। शब्द-भंण्डार- किसी भाषा में प्रयुक्त होने वाले शब्दों के समूह को उस भाषा का शब्द-भंडार कहते हैं। प्रत्येक भाषा का शब्द भंडार…
विशेषण
विशेषण संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने वाले शब्दों को विशेषण कहते है, विशेषण एक ऐसा शब्द है जो हर हाल में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है। विशेषण और विशेष्य-जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता प्रकट…
तत्सम व तद्भव
शब्दों का वर्गीकरण हिन्दी भाषा में शब्दों का वर्गीकरण उत्पत्ति के आधार पर 4 वर्गों में किया जाता है 1. उत्पत्ति व इतिहास की दृष्टि से 2. रचना या बनावट के आधार पर 3. प्रयोग या व्याकरण 4. अर्थ के अनुसार…
व्यंजन भेद-अर्थ एवं महत्व
स्वरों की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण व्यंजन कहलाते है। जिन ध्वनियों का उच्चारण करते समय श्वास मुख के किसी स्थान विशेष (तालु मूर्धा, ओष्ठ या दाँत) आदि का स्पर्श करते हुए निकले उन्हें व्यंजन कहते हैं। परंपरागत रूप…
हिन्दी भाषा एवं वर्णमाला
भाषा क्या है ? भावों को अभिव्यक्त करने के माध्यम को भाषा कहते है। हिन्दी भाषा मूलतः आर्य परिवार की भाषा है। इसकी लिपि देवनागरी है जिसका विकास ब्राह्मी लिपि (इसी लिपि में वैदिक साहित्य रचित) से हुआ। हिन्दी के…
सन्धि को कैसे पहचानें ? | संधियाँ
संधि:- (Enphony) सन्धि शब्द का अर्थ होता है = मेल, जब हम किसी दो वस्तुओं को एक में मिलाते है तो उनमें कुछ न कुछ परिवर्तन होता ही है। जैसे:- हमने एक कटोरी में चीनी ली और उसी में थोड़ा…
अलंकार की परिभाषा, प्रकार तथा उदाहरण
अलंकार (Alankaar) शब्दों में पाई जाने वाली अलंकार अनेक हैं उनमें से कुछ प्रमुख अलंकार इस प्रकार हैं अलंकार का अर्थ अलंकार का अर्थ होता है – आभूषण या श्रंगार चांदी के आभूषण अर्थात सौंदर्यवर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं |…
संज्ञा की परिभाषा | भेद तथा उदाहरण
संज्ञा संज्ञा का शाब्दिक अर्थ है सम + ज्ञा अर्थात सम्यक ज्ञान कराने वाला | संज्ञा का दूसरा अर्थ है किसी भी व्यक्ति, वस्तु, स्थिति या गुण के नाम को संज्ञा कहते हैं | संज्ञा के भेद संज्ञा के तीन…
अनेकार्थी शब्द
अनेकार्थी शब्द विभिन्न प्रसंगों से अनेक अर्थों में प्रयुक्त होने वाले शब्द ‘अनेकार्थी शब्द’ कहलाते हैं | ऐसे शब्दों को प्रसंग अथवा संदर्भ से ग्रहण किया जाता है | साहित्य में इनका प्रयोग होता है | अर्क – सूर्य, मदार…
सर्वनाम की परिभाषा | भेद एवं उदाहरण | Sarvnaam in Hindi
सर्वनाम (Sarvnaam in Hindi) सर्वनाम का अर्थ है – सबका नाम | अर्थात जो शब्द शब्द के नामों के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं या हो सकते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं | दूसरे शब्दों में संज्ञा के स्थान पर…
समास की परिभाषा, भेद तथा उदाहरण | What is Samas in Hindi
समास की परिभाषा, भेद तथा उदाहरण | What is Samas in Hindi समास (Samas in Hindi) समास का शाब्दिक अर्थ होता है – संक्षिप्त या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने शब्द को समास कहते हैं | समास में…
रस के भेद एवं उदाहरण | परिभाषा | प्रकार
Ras ke Bhed | रस के भेद रस के भेद रसों की संख्या 9 मानी जाती है श्रृंगार रस -इसका स्थाई भाव रति है नायक नायिका के सौंदर्य तथा प्रेम संबंधी वर्णन को श्रंगार रस कहते हैं श्रंगार के दो भेद…