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उद्देश्य इस घोषणा पत्र को भारत में अंग्रेज़ी शिक्षा का मैग्ना कार्टा भी कहा जाता है। उनके इस आदेश पत्र के अनुसार लोक शिक्षा विभाग की स्थापना 1855 ईसवी में की गई। प्रस्ताव में पाश्चात्य शिक्षा के प्रसार को सरकार ने अपना…

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(Cornwallis Code) 1793 ई० में लॉर्ड कार्नवालिस ने अपने न्यायिक सुधारों को इस नाम से प्रस्तुत किया। यह संहिता शक्तियों के पृथक्करण (Separation of Powers) के प्रसिद्ध सिद्धांत पर आधारित है। उस समय तक जिले में कलक्टरों के पास भू-राजस्व,…

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‘दयानंद सरस्वती’ द्वारा 1882 ई० में ‘गोरक्षिणी सभाओं’ का गठन किया गया। तब से 1893 ई० तक पश्चिम भारत में अनेक दंगे हुए। कांग्रेस के कई सदस्य इन गोरक्षिणी सभाओं के सदस्य थे जिनको अनुशासित करने में कांग्रेस विफल रही…

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संस्था/संगठन/आंदोलन  –  वर्ष   –  संस्थापक/प्रवर्तक रॉयल एशियाटिक सोसायटी  – 1784 ई. –  विलियम जोंस आत्मीय सभा – 1814 ई०  – राजा राम मोहन राय वेदांत कॉलेज  – 1825 – राजा राम मोहन राय यंग बंगाल आंदोलन  – 1826 ई० –…

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1764ई०-हैक्टर मुनरो की एक बटालियन बक्सर के युद्ध में विद्रोह कर मीर कासिम से जा मिली। – 1806 ई०-सैनिकों ने अपने सामाजिक-धार्मिक रीति-निवाज में हस्तक्षेप के विरोध में वेलौर में विद्रोह किया। 1824ई०-47वीं पदाति टुकड़ी ने पर्याप्त भत्ते के बिना…

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Important Governor/Governor Generals & Viceroys Of India रॉबर्ट क्लाइव (1757-60 ई० तथा 1765-67 ई०) क्लाइव ने बंगाल में वैद्य शासन (dual Govt.) की स्थापना की। वह 1767 ई० के प्लासी के युद्ध में अंग्रजों का नायक बनकर उभरा। उसने बंगाल…

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सिंध का विलय ब्रिटिश गवर्नर जेनरल लॉर्ड ऑकलैंड ने रूस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए अफगानिस्तान पर आक्रमण करने की आवश्यकता अनुभव की। ऑकलैंड अफगानिस्तान में अपनी सेनाएँ भेजने के लिए सिंध से एक मार्ग चाहता था।  अंग्रेजों,…

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1700

सुगौली संधि, ईस्ट इंडिया कंपनी और नेपाल के राजा के बीच हुई एक संधि है, जिसे 1814-16 के दौरान हुये ब्रिटिश-नेपाली युद्ध के बाद अस्तित्व में लाया गया था। इस संधि पर 2 दिसम्बर 1815 को हस्ताक्ष्रर किये गये और…

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1768 ई० में गोरखा राज्य के रूप में नेपाल उभरा।, लॉर्ड हेस्टिंग्स के कार्यकाल में 1814 ई० में अंग्रेजों एवं गोरखों में संघर्ष हुआ।कालंग दुर्ग, जैतक दुर्ग, अल्मोड़ा, मालवा व कंबनपुर की लड़ाईयों में गोरखों की बुरी तरह पराजय हुई।…

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18वीं एवं 19वीं शताब्दी में ये लोग सिर्फ लूट-मार करते थे। पानीपत के तीसरे युद्ध के पश्चात ये लोग मालवा में बस गये तथा सिंधिया, होल्कर एवं निजाम के सहायक सैनिक बन गए। 1794 ई० में सिंधिया ने इन्हें नर्मदा…

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आंग्ल-सिख युद्ध- प्रथम (1845-46 ई०) रणजीत सिंह कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बावजूद पंजाब में एक स्थायी सिख राज्य स्थापित नहीं कर सका | रणजीत सिंह ने अपने पीछे 40000 सैनिकों का जत्था छोड़ा था, जिसने पंजाब में अराजकता फैलायो। सैनिकों…

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आंग्ल-मराठा युद्ध – III (1804-06 ई०) लॉर्ड वेलेस्ली के सामने मराठा संघ की शक्तियों में तीन पेशवा, सिंधिया एवं भोंसले तो नतमस्तक हो गए परंतु होल्कर अभी शेष था होल्कर उन दिनों अंग्रेजों के मित्र राज्य जयपुर में लूट-मार मचा…

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प्रथम चरण (1885-1905 ई०) इस काल को उदारवादी राष्ट्रीयता का युग भी कहा गया है ! कांग्रेस की स्थापना के बाद, अगले 20 वर्षों तक उसको नीति अत्यंत उदार थी। इसे बाद के उग्रपंथी नेताओं ने राजनीतिक भिक्षावृत्ति (Political Mendicancy) कहा।…

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 ई० को 12 बजे दिन में बंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में हुई। इसमें पहले अधिवेशन में कुल 72 प्रतिनिधि शामिल हुए। इसकी स्थापना के…

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सिख शब्द का अर्थ होता है ‘शिक्षा प्राप्त करने वाला’ अथवा ‘शिष्य’। सिख धर्म की स्थापना गुरु नानक ने की। 1496 ई० की कार्तिक पूर्णीमा को नानक को आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति हुई। गुरु नानक सिखों के पहले गुरु हुए।…

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मुगल शासन-प्रणाली में केंद्रीयकृत नौकरशाही की प्रमुखता थी। मुगल प्रशासन में सम्राट सभी विभागों का प्रधान होता था। उसे उदार निरंकुश कहा जा सकता है।  प्रशासन में बादशाह की मदद के लिए एक मंत्रिपरिषद होती थी, परंतु वह उसकी सलाह…

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